https://sahyogsandesh.com/wp-content/uploads/2024/01/jjujuu.gifटेक्नोलॉजीटॉप न्यूज़
अपराधिक मामलों को सुलझाने में मददगार साबित होगी फारेंसिक विज्ञान : डॉ0 एसके जैन
संस्थापक निदेशक डॉ0 जीके गोस्वामी ने कहा कि लाभप्रद जानकारी एवं बेहतर शैक्षणिक वातावरण देना पहली प्राथमिकता
सरोजनीनगर-लखनऊ। फारेंसिक विज्ञान विभाग दिल्ली के निदेशक डॉ0 एसके जैन ने कहा कि हर व्यक्ति की आवाज में अनोखापन होता है अगर कोई अपराधी आवाज बदल कर अपनी पहचान छिपाना चाहता है तो अब वायस इस्पेक्टोग्राफी टेक्नोलोजी के माध्यम से उसकी पहचान की जा सकती है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर मामलों में सुक्ष्म मात्रा मे ही साक्ष्य मिलते है लेकिन अब फोरेंसिक साइंस के माध्यम से उन केसों को भी सुलझाया जा सकता है। श्री जैन गुरूवार को सरोजनीनगर स्थित उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ़ फॉरेंसिक साइंस द्वारा आयोजित तीन दिवसीय नवारंभ 2024-25 कार्यक्रम के दूसरे दिन के विशेष व्याख्यान सत्र को सम्बोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर राज्य चिकित्सा विधि प्रकोष्ठ के अपर निदेशक डॉ0 जी खान ने छात्रों को जुरिप्रुडेन्स मेडिको लीगल एन्ड जनरल टाक्सिकोलोजी की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बायलाजिकल साक्ष्य संकलन अपराध के अनुसंधान में अति महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम में वायोटेक पार्क के एडवाईजर डॉ0 शिवपूजन ने थ्रीडी बायोप्रिन्टर का उपयोग कर अंग विकसित करने व कृत्रिम स्कीन का उपयोग करके फारेंसिक विश्लेषण की टेक्नोलोजी को प्रभावी बनाए जाने की जानकारी दी। जबकि ट्रिपल आईटी के निदेशक डॉ अरुण मोहन शेरी ने साइबर सिक्योरिटी की प्रकरणों में तकनीकी का उपयोग करना समझाया। डॉ उपेंद्र गिरी ने रियल लाइफ में टेक्नोलॉजी व रोहित नेगी ने साइबर सिक्योरिटी के अपने अनुभव साझा किया। इस दौरान बायोएक्सिस डीएनए रिसर्च सेंटर हैदराबाद के निदेशक डॉ अमित कुमार ने बताया कि फोरेंसिक डीएनए तकनीक ने भारतीय न्याय व्यवस्था में एक नई क्रांति ला दी है। इस तकनीक से अपराधों की जांच और सुलझाने में अत्यधिक सटीकता और तेजी आई है। आईपीएस ने डॉ अरविंद चतुर्वेदी ने छात्र-छात्राओं को वाइल्डलाइफ एनिमल पर विशेष जानकारी दी। कार्यक्रम मे अपर निदेशक राजीव मलहोत्रा, उपनिदेशक चिरन्जीव मुखर्जी, प्रशासनिक अधिकारी अतुल यादव, सहायक रजिस्ट्रार डा0 अजिता, डा0 सीएम सिंह, डा. विवेक, जन संपर्क अधिकारी संतोष तिवारी, प्रतिसार निरीक्षक बृजेश सिंह तथा संस्थान के शैक्षणिक संवर्ग के संकाय डॉ सौरभ सिंह, डॉ0 अरूण खत्री, डा0 सपना, डॉ0 अजीत कुमार, डॉ0 आशीष राज, डा0 सपना शर्मा डा0 पोरवी डा0 रोशन व डा0 अभिषेक मौजूद रहे।